शब्द का अर्थ
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					धर्षण 					 :
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					पुं० [सं०√धृष्+ल्युट्—अन] [वि० धर्षणीय, धर्षित] १. किसी को जोर से पकड़कर दबाने या दबोचने की क्रिया या भाव। २. किसी को परास्त करते हुए नीचा दिखाना। ३. अनादर। अपमान। ४. असहिष्णुता। ५. स्त्री के साथ किया जाने वाला प्रसंग। सम्भोग। ६. एक प्रकार का पुराना वस्त्र। ७. शिव का एक नाम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					धर्षणा 					 :
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					स्त्री० [सं०√धृष्+णिच्+युच्-अन, टाप्] १. धर्षण करने की क्रिया या भाव। धर्षण। अपमान। अवज्ञा। ३. स्त्री का सतीत्व नष्ट करना। ४. स्त्री-प्रसंग। सम्भोग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					धर्षणी 					 :
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					स्त्री० [सं०√कृष् (खींचना)+अणि—ङीष्,क—घः] असती स्त्री। कुलटा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					धर्षणीय 					 :
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					वि० [सं०√धृष्+अनीयर] जिसका घर्षण किया जा सकता हो या किया जाना उचित हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |